
उत्तर प्रदेश के कई जिले इस समय बाढ़ से बुरी तरह जूझ रहे हैं। पानी सड़कों पर है, घरों में है, और अब सरकार सीधे मैदान में है — यानी कुर्सियों से मंत्री उठकर बूट पहन चुके हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘टीम-11’ बना दी है, जिसमें 11+ मंत्री बाढ़ से लड़ने निकले हैं, लेकिन फोटोज के बजाय काम दिखाने के वादे के साथ।
कौन मंत्री कहां? देखिए ‘पोस्टिंग’ जैसे बाढ़ ड्यूटी चार्ट
जिला | मंत्री |
---|---|
प्रयागराज, मीरजापुर, बांदा | नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ |
जालौन | स्वतन्त्र देव सिंह, संजय गंगवार |
औरैया | स्वतन्त्र देव सिंह, प्रतिभा शुक्ला |
हमीरपुर | रामकेश निषाद |
आगरा | जयवीर सिंह |
वाराणसी | सुरेश खन्ना |
कानपुर देहात | संजय निषाद |
बलिया | दया शंकर मिश्रा ‘दयालु’ |
इटावा | धर्मवीर प्रजापति |
फतेहपुर | अजीत पाल |
आदेश साफ: संवेदनशील बनो, सेल्फी से परहेज करो!
सीएम योगी ने अधिकारियों और मंत्रियों को निर्देश दिए हैं:
-
फील्ड में रहो, AC ऑफिस नहीं!
-
राहत सामग्री समय पर पहुंचे, क्वालिटी में कमी नहीं चलेगी।
-
पीड़ितों से संवाद हो, “मीटिंग में बिज़ी हूं” वाला रवैया नहीं।
-
मुआवज़ा 24 घंटे के भीतर — वरना “लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी” चेतावनी लाइव है।
अफसरों को भी निर्देश: अब काम की फोटो भेजो, सिर्फ शिलालेख नहीं!
सीएम ने कहा कि अब हर जिले से राहत कार्य की “ऑन ग्राउंड फोटो” भेजी जाए। मतलब अब सरकारी फोल्डर में सिर्फ उद्घाटन की नहीं, कीचड़ में काम करती टीम की तस्वीरें भी जरूरी हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी — सबको अलर्ट मोड में डाल दिया गया है।
बुंदेलखंड में यमुना बनी राक्षस, सड़कें बनीं तालाब
-
बांदा से हमीरपुर का पपरेंदा मार्ग बंद
-
राजापुर से चित्रकूट जाने वाला रास्ता जलमग्न
-
चिल्ला होते हुए बांदा-कानपुर मार्ग बंद
-
चित्रकूट की दलित बस्ती से 35 परिवारों को रेस्क्यू
-
हमीरपुर में मकान गिरा, एक की मौत
-
बेतवा नदी में डूबा युवक, शव मिला
एक तरह से कहा जाए, तो अब लोग GPS नहीं, पुलों की लिस्ट चेक कर रहे हैं कि कौन सा रास्ता अभी “तैरने लायक” है।
“टीम-11” से उम्मीद — पॉलिटिकल डेमो नहीं, रियल एक्शन चाहिए
सवाल अब यह नहीं है कि कितने मंत्री गए…
बल्कि यह है कि क्या वे पीड़ितों के आँसू पोंछने गए, या फिर अगली मीटिंग की प्रेस रिलीज़ तैयार करने?
बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतर जाएगा, पर अगर संवेदनशीलता और समय पर मदद नहीं मिली — तो लोगों का भरोसा शायद बहकर कहीं और चला जाएगा।
जरूरत है बूट्स की, ब्रांडेड फोटोज़ की नहीं।